राजस्थान की गुमशुदगी का रहस्य – माउंट आबू से लापता परिवार

परिवार की यात्रा की शुरुआत
साल 2009 की बात है। गुजरात के अहमदाबाद से एक व्यापारी परिवार – अमित शाह (45), उनकी पत्नी रीमा (40), बेटा कुणाल (14) और बेटी रिया (10) – छुट्टियाँ बिताने के लिए राजस्थान के मशहूर हिल स्टेशन माउंट आबू पहुँचे।
अमित शाह टेक्सटाइल का बिज़नेस करते थे और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी थी। वे हर साल परिवार के साथ एक नया टूर प्लान बनाते थे। उस साल उन्होंने सोचा कि पहाड़ों और ठंडी हवा का आनंद लिया जाए।
होटल ‘अरावली इन’ में उनका कमरा बुक था। पहले दिन उन्होंने नक्की झील, दिलवाड़ा मंदिर और हनीमून पॉइंट देखा। बच्चों ने खूब तस्वीरें खिंचवाईं। होटल स्टाफ़ ने बताया कि परिवार बेहद खुश और नॉर्मल लग रहा था।
लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उनकी आख़िरी छुट्टी साबित होगी।
अचानक गुमशुदगी
तीसरे दिन सुबह परिवार होटल से बाहर निकला। उन्होंने नाश्ते में पराठे और चाय खाई। होटल स्टाफ़ ने कहा कि वे ट्रेवर्स टैंक रोड की तरफ़ जाने की बात कर रहे थे।
शाम तक जब वे वापस नहीं लौटे, तो होटल प्रबंधन ने उनके कमरे की चाबी से दरवाज़ा खोला। अंदर उनका सामान रखा मिला।
बच्चों के खिलौने मोबाइल फ़ोनरीमा का पर्स जिसमें पैसे और गहने थे
मतलब, वे सिर्फ कपड़े पहनकर और कैमरा लेकर निकले थे।
पुलिस जाँच और रहस्य की परतें
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने सबसे पहले नक्की झील की तलाशी ली। गोताखोरों को लगाया गया, लेकिन कोई शव नहीं मिला।
CCTV फुटेज में परिवार सुबह 9:15 बजे झील के पास दिखा। उसके बाद कोई फुटेज नहीं मिला। ऐसा लगा मानो वे हवा में गायब हो गए हों।
शक की तीन परतें –
- हादसा थ्योरी – कुछ लोगों का मानना था कि वे पहाड़ों में गिर गए होंगे। लेकिन इतने लोग एक साथ कैसे गायब हो सकते हैं और कोई शव तक न मिले?
- अपहरण थ्योरी – हो सकता है किसी गैंग ने उनका अपहरण किया हो। मगर 15 साल में एक भी फिरौती कॉल न आना शक पैदा करता है।
- रूहानी थ्योरी – स्थानीय लोग कहते हैं कि अरावली की पहाड़ियों में कुछ अनजानी शक्तियाँ हैं, जो लोगों को अपने साथ खींच लेती हैं।
हिस्सा 4 : परिवार और रिश्तेदारों की उम्मीद
अमित शाह के भाई मनीष शाह आज भी मानते हैं कि उनका परिवार ज़िंदा है।
वे कहते हैं –
“अगर हादसा हुआ होता तो कोई निशान ज़रूर मिलता। लेकिन यहाँ तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने उन्हें ज़िंदा निगल लिया हो।”
रीमा की माँ हर साल माउंट आबू आती हैं और मंदिर में प्रार्थना करती हैं। उन्हें यक़ीन है कि उनकी बेटी और नाती-नातिन लौटेंगे।
हिस्सा 5 : रहस्य जो आज भी ज़िंदा है
आज तक न पुलिस किसी नतीजे पर पहुँच सकी है, न परिवार को कोई जवाब मिला।
- कोई शव नहीं मिला
- कोई कॉल नहीं
- कोई ठोस सबूत नहीं
माउंट आबू की यह घटना अब भी लोगों को डराती और हैरान करती है।
कई टूरिस्ट जब उस होटल में रुकते हैं, तो पूछते हैं –
“क्या यही वो कमरा है जहाँ से वो परिवार आख़िरी बार रुका था?”
और होटल मैनेजर बस यही कहते हैं –
“हाँ, लेकिन उसके बाद से वे कभी लौटकर नहीं आए।”
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